Saturday 22 October 2016

                    श्वेतार्क गणपति :-


                   
श्वेतार्क दो शब्दों से मिलकर बना है – श्वेत + आक ।
अब आप सब आक का पौधा या मदार या आंकरा या जो भी आप उसे बोलते है उससे तो आप भली भाती परिचित होंगे..।
अब भी नहीँ समझे तो तो मै आपको बता दूँ आक के पौधे क फूल शिव जी को बहुत ही प्रिय है....
और सभी इसे बरे प्यार से शिवलिंग पे चढाते है...
कही कही इसे ढतुरे का फूल भी कहते है..।
एक बात और बता दूँ आपको खोजने पर घर के आस पास ही ये आक का पौधा मिल जायेगा बहुत आसानी से..।
परन्तु ये जो आक के पौधे होते है..इनके फूल क रंग हल्का नीला होता है...और हम वात कर रहे वैसे आक के पौधे की जिनके फूल पूरी तरह श्वेत होते है...।

और यकीन मानिये श्वेत आक के फूलों वाले पौधे आपको जल्दी नहीँ मिलते है कुय्की ये काफी दुर्लभ होते है..।
अब ये बात तो आपको कुछ खास लग नही रही होगा की मै यहा आपके सामने आक के पौधे की बात लें के कुंओं बैठ गया.................।
तो मै आपको बता दूँ शस्त्रों मै ऐसा कहा गया है की......सफेद आक या मदार या जो भी आप कहते है....के पौधे की जड़ मै गणपति का वास होता है...।
ऐसी मान्यता है की एक समय के बाद
( कही पे 25 साल तो कही पे 27 साल तो कही पे पूरी 100 साल.. )
ये जो सफेद आक के पौधे का जड़ है वो गणपति जी की आकृति लें लेता है ।
इसे ही श्वेतआर्क गणपति कहते है....जो की प्रकिति की अदभूत लीला है..।
आपको यह भी बता दूँ...
शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है-
"जहां कहीं भी यह पौधा अपने आप उग आता है उसके आस-पास पुराना धन गड़ा होता है"
जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रूपी गणपति रहेगी वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी।
इस प्रकार श्वेत आर्क का यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक एवं समृद्धिदाता है।

  1. श्वेतार्क गणपति की प्रतिमा का नित्य पूजन करने से साधक को धन-धान्य की प्राप्ति होती है | 
  2. यह प्रतिमा स्वत: सिद्ध होती है | तन्त्र शास्त्रों के अनुसार ऐशे घर में जॅहा यह प्रतिमा स्थापित हो , वंहा रिद्धी-सिद्ध तथा अन्नपूर्णा देवी वस् करती है |
  3. जिस व्यक्ति के घर में यह गणपति की प्रतिमा स्थापित होगी उस घर में लक्ष्मी जी का निवास होता है तथा जंहा यह प्रतिमा होगी उस स्थान में कोई भी शत्रु हानी नहीं पहुंचा सकता |
  4. इस प्रतिमा के सामने नित्य बैठकर गणपति जी का मूल मन्त्र  "ॐ गण गणपतये नम:" जपने से गणपति जी के दर्शन होते हैं तथा उनकी कृपा प्राप्त होती है..
  5. श्वेतार्क गणपति घर मेँ स्थापित करने से सिर्फ गणेश जी ही नहीँ बल्कि माता लक्ष्मी और भगवान शिव की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  6. सिद्धी की इच्छा रखने वालोँ को 3 मास तक इसकी साधना करने से सिद्धी प्राप्त होती है।
  7. जिनके पास धन न रूकता हो या कमाया हुआ पैसा उल्टे सीधे कामोँ मेँ जाता हो उन्हेँ अपने घर मेँ श्वेतार्क गणपति की स्थापना करनी चाहिए।
  8. जो लोग कर्ज मेँ डूबे हैँ उनके लिए कर्ज मुक्ति का इससे सरल अन्य कोई उपाय नही है।
  9. दुकान में अलमारी या गल्ले में रखने से धनागम सुचारू रूप से चलता रहता है और व्यापर में न तो मंदी आती है न किसी विरोधी की बुरी नज़र या किये कराये का असर होता है।
  10. जो लोग ऊपरी बाधाओँ और रोग विशेष से ग्रसित हैँ इसकी पूजा से या ताबीज धारण करने से वायव्य बाधाओँ से तुरँत मुक्त और स्वास्थ्य मेँ अप्रत्याशित लाभ पा सकते हैँ।
  11. जिनके बच्चोँ का पढ़ने मेँ मन न लगता हो वे इसकी स्थापना और पूजन कर या इसका ताबीज पहना कर बच्चोँ की एकाग्रता और सँयम बढायी जा सकती है ।

श्वेतार्क गणपति एक बहुत ही दुर्लभ और अपने आप मै बहुत फलदायी है..।
मैने खुद इसे अपने घर मै स्थापित किया है और यकीन मानिये इससे मॆरी पूरी जिंदगी ही बदल गयी...।
अब बात करते है इसे प्राप्त कैसे किया जाये.....
.
वैसे तो ये पूजा पाठ की दुकानों पे आसानी से मिल जाती है...
पर ये असली श्वेतार्क गणपति है या कीसी भी नीले आर्क के पौधे का.....इसकी कोई गारंटी नहीँ लें सकता...।
कुओकी असली श्वेतार्क गणपति जिस श्वेत आर्क के पौधे से बनती है एक तो वो बहुत दुर्लभ है...
इसके अलाव और भी बहुत से बाते है....जैसे ये रवि पुष्य योग मै ही बनया हो.....
और तँत्रोक पूजित हो...।
इसके अलावा अगर आप खुद इसे बनाना चाहते है तो सबसे पहले एक श्वेत आर्क का कम से कम से कम 25 साल पुराना पौधा धुँधिये...
उसके बाद उसे रवि पुष्प योग्य मै रविवार या गुरुवार को आमंत्रित कर उसके जड़ को ऊखार कर अपने घर लें आयॆ....।
फ़िर तंत्रोकत पूजन कर इसे अपने घर के पूर्व दिशा मै स्तफीत करे...।
और हर बुधवार को इश्का पंचोउपचर पूजन कर 108 दुर्वा 

             ''ॐ गण गंपत्ये नम :'
जपते हुए अर्पित करे ।
यकीन मानिये ये आपकी जिंदगी बदल देगा ।
आशा करता हूँ आपको इस पोस्ट से अवश्य कूछ लाभ हुआ होगा..
अगर आपकि कोई भी जिज्ञासा हो तो आप हमे कोमेंट बॉक्स मै पूँछ सकते है...।

जय गुरूदेव ।

Saturday 17 May 2014

APSARA SADHANA APSARA SIDDHI

Below mentioned Sadhanas are devised with the soul aim of attaining the Divine Grace and 
experience the True power of Tantra to its fullest -
Each Individual is Unique, so Mantra should be framed in such a way that resonates with 
the Vibr
ations of the Sadhak. More the mantra is in sync, earlier and safer the Siddhi. So
the Mantra and Sadhana procedure may differ from Individual to Individual.
I have learned these Sadhanas from my Guru. Over a period of time tested it and every
time gained 100 % results.


Many fail in Sadhana due to some of the major reasons below-
1- Due to lack of Guidance.
2- Lack of Faith in themselves or the Mantra.
3- Possessing a mind set that they don't deserve it.
4- Lack of control or no Control over their thoughts.


Apsara’s are Angels or Nymphs. They are extremely beautiful immortals who
reside in heaven and entertain the Demi-Gods with their dancing and singing.
In Reality Apsara’s are Celestial Maidens of exquisite beauty and alluring
charm, and have the power and will to use both. Like other divine beings they
are able to change their form as and when desired. Hierarchically, the Apsara’s
are under the control of Lord Indra, the king of the demi-gods. Under his
directions they Seduced mortals, kings and sages, who were becoming
powerful enough to threaten Indra. They also danced at his court and
entertained his guests.
Now, what very few know is, that Apsara’s can be manifested in one’s life i.e in
this 3 dimensional World. I will Mentor you and offer each and every detail to
manifest Apsara in your life.
detail to manifest Apsara in your life.

*Names of The Apsara:-

Personally through my long Research and going through various Spiritual and 
Tantric Texts I have come across this list of 51 Apsara’s which is reproduced 
below in alphabetical order.


Adrika,Alamvusha,Ambika,Anavadya,Anuchana,Aruna,Asita.
Budbuda.
Chandrajyotsna.
Devi.
Ghritachi,Gunamukhya,Gunuvara.
Harsha.
Indralaxmi.Kamya,Karnika,Kesini,Kshema.
Lata,Laxmana.
Manorama,Marichi,Menaka,Misrasthala,Mrugashi.
Nabhidarshana.
Purvachitti,Pushpadeha.
Rakshita,Rambha,Ritushala.
Sahajanya,Samichi,Saurbhedi,Sharadvati,Shuchika,
Some,Suvahu,Sugandha,Supriya,Suraja,Surasa,Surata.
Tilottama.
Umlocha,Urvashi.
Vapu,Varga,Vidyutparna,Vishvachi.



*This is the most exhaustive listing of The Apsara’s as per my Knowledge, 
however this is not claimed to be a complete list.
*Some texts mention that there are 108 Apsara’s in all where as other claim it 
to be 1008 .




*PROCESS:-


In Apsara sadhna we need Apsara Yantra and Apsara Rosary,Itra,Two Rose or
Jaismine flowers garlands,some sweets.
To perform this sadhna.We may start this sadhna from any Friday in the
night.Take bath in the night,wear yellow dhotee or yellow cloths put the Tilak
on Apsara Yantra and put some Itra Or Perfume on the Yantra. Put lit five Ghee
candles infront of you.

Now take the Apsara rosary and chant any of the following mantra
108*101=10108 times dail
y
.

Continue this sadhna at least 80 days. 
Apsara will appear infront of you
In a very beautiful form. 

Then offer the Roseflower garland and sweets
To her. 

Apsara will give you some thing or rosary. 
Take three promises as per 
your convinence they may bethat when you will remember she will come and appear infront of you. 

She will 
help you

.She will live with you as a friend or lover or as a wife.
All this depends on you.
But never tried to behave forcefully with Apsaras as they have the powers to 
curse , they may give curse to you. So please don’t misbehave with them.
*Before chanting the Apsara Mantra, chant the following mantra showing 


Awahan Mudra , that is —-
*AWAHAN MANTRA:-


TATKSHANAT SARVAPASRAS AGCHAAGACH HOOM YAH YAH.(ITI 
AWAHAN)          
(AGNI MUKH MUDRA SE KARE.)



*Then chant the following mantra showing Sanidhyam mudra—-
OM SARVSIDDHI BHEGESHWARI SWAHA.                     (ITI SANIDHYAM)


*Then chant the following mantra showing Abhibukam mudra—-
OM KAM PRIYAE SWAHA.                                                    (ITI ABHIMUKHAM).



Now take the Apsara Rosary in your hand and chant the any one of the 
following Mantra as per your requirement 101(101X108=10108) Times.



If the sadhna is performed in a systematic manner Apsara Comes on the 7th 
day in physical and beautiful manner, then take the promise from her that she 
will come whenever you will remember and follow the instructions of you. Provide the flower garland in her neck and sweets to eat. In answer Apsara will 
give you the next garland or any thing she wears.




*IF APSARA DOES NOT APPEAR THEN USE THE FOLLOWING MANTRA-

*KRODH MANTRA                       OM HREEM AKATTH KATTH HROOM VAH PHATT
*STHAMBAN MANTRA                  OM SAMBANDHSTANU HUM PHATT.


*SHASHI APSARA-                OM SHREEM SHASHI DEVYAE AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108 TIMES DAILY.


*TILOTTMA APSARA                    OM SHREEM TILOTTAME AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108 TIMES DAILY.


*KANCHANMALA APSARA             OM SHREEM KANCHANMALE AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108 TIMES DAILY


*KUNDALAHARINI APSARA          OM SHREEM HREEM KUNDALAHARINI AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108 TIMES DAILY*


RATNMALA APSARA                      OM SHREEM HROOM RATMALE AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108 TIMES DAILY


*RAMBHA APSARA                        OM SAH RAMBHE AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108 TIMES DAILY


*URVASHI APSARA                      OM SHREEM URVASHI AGACH AGACH SWAHA.
CHANT THE ABOVE MANTRA 10,108TIMES DAILY


*BHUSHINI APSARA                    OM VAH SHREEM VAH SHREE BHUSHINI AGACH AGACH SWAHA.
*CHANT THE ABOVE MANTRA 10108 TIMES DAILY

Friday 16 May 2014

वशीकरण का ब्रह्माश्त्र प्रयोग

अपने कई मित्रों कि मांग पर आज मैं एक वशीकरण का अनूठा एवं प्रभावी मंत्र देने जा रहा हूँ ........... इस मंत्र के बारे में मान्यता है कि इस मंत्र कि इतनी शक्ति है कि यदि पूर्ण विधान से इसे सम्पन्न कर लिया जाये तो इस ब्रह्माण्ड में ऐसी कोई शक्ति नहीं है जो आपके वश में न हो सके ...... यह मंत्र गणपति देव का बहुत प्रभावी मंत्र है एवं इसका उल्लेख रुद्रयामल तंत्र में है ...!

मंत्र का प्रयोग करने के लिए भगवन गणपति का पंचोपचार पूजन करें -

गणपति ध्यान एवं वंदना करने के उपरांत अपनी समस्या उनके सामने दोहराएँ और आपकी समस्या का निवारण हो ऐसी याचना करें :-


मंत्र जप संख्या - एक माला प्रतिदिन
मंत्र जप के दिन :- २१ दिन
मंत्र जप काल में शुद्धता एवं ब्रह्मचर्य का ध्यान रखें 


किसी को भी कोई कठोर बात न कहें ... कम बोलें ... और किसी का अपमान न करें


मंत्र इस प्रकार है :-

देव देव महाआरण्य माता वरुण पिता शांडिलगोत्रवाहनभू अग्ने स्वाहा
ॐ विद्या क्लिं क्लीं कटुस्वाहा
सर्वासां सिद्धिनां स्वाहा
ॐ हं षं षं लोकाय स्वाहा
रक्ततुंडाय स्वाहा
ॐ नजगजीक्षस्वामी ॐ नजगजीक्षस्वामी


आवश्यकता है केवल विश्वास की अतः विश्वास पूर्ण हो तभी इस प्रयोग को करे

Thursday 15 May 2014

सोंदर्य एवं आकर्षण शक्ति प्राप्ति महा मोहिनी साधना


हर व्यक्ति चाहता के वोह सभ से सुंदर दिखे और हर लड़की चाहती है के उसे अपूर्व सोंदर्य प्राप्ति हो इस के लिए इंसान चाहे औरत दोनों प्रयत्न शील रहते है !तरह तरह के साधन अपनाते है !सोंदर्य सिर्फ बाहर का नहीं अंतर में भी सोंदर्य हो वाणी में सोंदर्य हो चेहरे पे तेज हो तो वोह हर इंसान को अपने मोह पाश में बांध लेता है ! योगमाया देवी सोंदर्य और आकर्षण की प्रति मूर्ति है !इस से बढ़ कर कोई सुंदर नहीं !यह किसी भी साधक को सोंदर्य प्रदान कर सकती है इस के लिए यह एक अनुभूत साधना है !इस से व्यक्ति के हर पहलू से सोंदर्य आ जाता है जहां महलाए भी अपने में एक विशेष आकर्षण महसूस करती है !तेज और मादकता उनके चेहरे से छल्क उठती है और वह अपने सोंदर्य में किसी को भी बांधने की शक्ति अर्जित कर लेती है !इस के लिए यह साधना बहुत लाभकारी है !आप भी एक वार इसे संपन कर अपने को विशेष सोंदर्य से श्राभोर करे !यह आसान साधना है और इसे भी मोहिनी एकादशी को शुरू कर 11 दिन में पूर्ण करना है !इस हिसाब से आप 11 माला हर रोज कर सकते है !कुल मंत्र 7000 जप कर सकते है जा 11 दिन 11 माला कर ले !इस के लिए जो समगरी चाहिए आपके पास चाँदी की जा नवरतनों की माला हो जा सफटिक की माला का प्रयोग कर ले जा नवरंगी माला भी ले सकते है जैसी माला इन में से मिले प्रयोग में ले ले !दूसरा आपके पास भगवान विष्णु का और योगा माया का चित्र जा मूर्ति हो !


विधि --- सभ से पहले आप किसी बेजोट पे पे लाल वास्तर विशा कर देवी की और भगवान विष्णु की प्रितमा का स्थापन करे अगर प्रितमा जा विग्रयाह न हो तो तो सुंदर चित्र का स्थापन कर ले !सभ से पहले गुरु पूजन और श्री गणेश पूजन करे सद्गुरु का चित्र भी साथ में स्थापन करे और पूजन के बाद आज्ञा लेकर साधना शुरू करे !देवी की प्रितमा पे गुलाबी रंग का वस्त्र चढ़ाए और केसर कुंकुम ,धूप दीप पुष्प नवेध के लिए शुद्ध घी की बनी हुई मिठाई आदि का भोग लगाए फल चढ़ाये और एक मीठा पान भी अर्पित करे इस पुजा में केसर और पान विशेष स्थान रखता है इस लिए यह दोनों चीजे खास कर पुजा में समलित करे हर रोज पूजन करना है वस्त्र एक वार चढ़ा सकते है बाकी समान रोज नया ले और पहला समान किसी पात्र में उठा के रख दे !इसके साथ ही भगवान विष्णु की आराधना करे और चित्र का पूजन करे !फिर उकत माला से 11 माला निमन मंत्र का जप करे !ऐसा आपको 11 दिन करना है !11 दिन के बाद सारी स्मगरी जो पूजन के वक्त आपने उठा ली थी उसे जल प्रवाह कर दे और चित्र को पुजा स्थान में स्थापन कर दे इस प्रकार यह साधना पूर्ण हो जाती है !इस में आसन पीला और दिशा पच्छिम को मुख रखे !

मंत्र -- ॐ वं वं वं क्रीं आकर्षिणी स्वाहा !!
Mantra –om vam vam vam kreem akarshini svaha !!

SHASHI DIVYA APSARA SADHANA

Paryog Vidhi 

Ye Sadhana kisi bhi Friday to Friday ki hai keval 8 din ki hai.
Sadhana ke liy Shashi Divya Yantra or Apsara mala anuwariya hai.
Yeh Sadhana Raat me ki jati hai 10 baje ke bad Jagah ki koi pabandhi nahi hai kahi bhi kisi jagah par jakar kar sakte hai.
51 Mala, apsara mala se jap kar. Disha Utar ki or mukh kar ke sadhana kare.
Yantra ko kisi patar me gulab ke Flower par rakh kar puja kare or kesar ka tilak lagay.
Baya Hath se apne dahine hath pe shashi divya apsaray namah likh kar mantra ka jap kare. jab samne aay to aap apne man ki bat keh de.

Mantra 

                                 Om Hleem Aagchagach Shashi Divya Apsaray namah.